सम संख्या किसे कहते हैं? (Sam Sankhya Kise Kahate Hain)
सम संख्याएँ वे पूर्णांक हैं जो 2 से पूर्णतः विभाज्य होती हैं, यानी जब उन्हें 2 से भाग दिया जाता है, तो शेषफल (remainder) शून्य होता है। ये संख्याएँ गणित में 2 के गुणज (multiples) होती हैं।
सम संख्याओं की विशेषताएं
- परिभाषा: कोई भी संख्या जो 2 से विभाज्य हो, जैसे 0, 2, 4, 6, 8, आदि।
- उदाहरण: 0, 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, … ∞।
- अंतिम अंक: सम संख्याओं का अंतिम अंक हमेशा 0, 2, 4, 6, या 8 होता है।
- गुण: दो सम संख्याओं का योग, अंतर, या गुणनफल हमेशा सम होता है।
सम संख्याओं के उदाहरण
- 4 (क्योंकि 4 ÷ 2 = 2, शेषफल 0)
- 10 (क्योंकि 10 ÷ 2 = 5, शेषफल 0)
- 0 (क्योंकि 0 ÷ 2 = 0, शेषफल 0)
नोट: शून्य (0) एक सम संख्या है, क्योंकि यह 2 का गुणज है (0 × 2 = 0)।
विषम संख्या किसे कहते हैं? (Visham Sankhya Kise Kahate Hain)
विषम संख्याएँ वे पूर्णांक हैं जो 2 से पूर्णतः विभाज्य नहीं होतीं, यानी जब इन्हें 2 से भाग दिया जाता है, तो शेषफल 1 होता है। ये संख्याएँ 2 के गुणज नहीं होतीं।
विषम संख्याओं की विशेषताएं
- परिभाषा: ऐसी संख्याएँ जो 2 से विभाज्य न हों, जैसे 1, 3, 5, 7, 9, आदि।
- उदाहरण: 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15, … ∞।
- अंतिम अंक: विषम संख्याओं का अंतिम अंक हमेशा 1, 3, 5, 7, या 9 होता है।
- गुण: दो विषम संख्याओं का योग सम होता है, लेकिन उनका गुणनफल विषम होता है।
विषम संख्याओं के उदाहरण
- 3 (क्योंकि 3 ÷ 2 = 1, शेषफल 1)
- 7 (क्योंकि 7 ÷ 2 = 3, शेषफल 1)
- 11 (क्योंकि 11 ÷ 2 = 5, शेषफल 1)
सम और विषम संख्याओं के गुण (Properties of Even and Odd Numbers)
सम और विषम संख्याओं के कुछ महत्वपूर्ण गुण हैं जो गणितीय गणनाओं में उपयोगी होते हैं। इन्हें नीचे तालिका के रूप में समझें:
क्रिया | सम + सम | विषम + विषम | सम + विषम | सम × सम | विषम × विषम | सम × विषम |
---|---|---|---|---|---|---|
परिणाम | सम | सम | विषम | सम | विषम | सम |
उदाहरणों के साथ समझें
- सम + सम = सम: 4 + 6 = 10 (सम)
- विषम + विषम = सम: 3 + 5 = 8 (सम)
- सम + विषम = विषम: 4 + 3 = 7 (विषम)
- सम × सम = सम: 2 × 4 = 8 (सम)
- विषम × विषम = विषम: 3 × 5 = 15 (विषम)
- सम × विषम = सम: 2 × 3 = 6 (सम)
सम और विषम संख्याओं का उपयोग
सम और विषम संख्याएँ केवल गणितीय गणनाओं तक सीमित नहीं हैं। इनका उपयोग कई क्षेत्रों में होता है:
1. गणित और विज्ञान
- भाज्यता नियम: सम संख्याएँ 2 से विभाज्य होती हैं, जो गणितीय समस्याओं को हल करने में मदद करती हैं।
- प्रोग्रामिंग: कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में सम और विषम संख्याओं का उपयोग लूप्स और शर्तों (conditions) में होता है।
2. दैनिक जीवन
- घरों की नंबरिंग: कई देशों में सड़क के एक तरफ सम संख्याएँ और दूसरी तरफ विषम संख्याएँ दी जाती हैं।
- खेल: शतरंज में सफेद और काले वर्गों की गणना सम-विषम संख्याओं के आधार पर हो सकती है।
3. प्रतियोगी परीक्षाएँ
- सम और विषम संख्याओं से संबंधित प्रश्न गणितीय तर्क (mathematical reasoning) और संख्यात्मक योग्यता (numerical ability) की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
सम और विषम संख्याओं को कैसे पहचानें?
संख्या को सम या विषम बताने का सबसे आसान तरीका उसका अंतिम अंक देखना है:
- सम संख्या: यदि अंतिम अंक 0, 2, 4, 6, या 8 है।
- विषम संख्या: यदि अंतिम अंक 1, 3, 5, 7, या 9 है।
उदाहरण
- 456: अंतिम अंक 6 (सम)
- 789: अंतिम अंक 9 (विषम)
सम और विषम संख्याओं से संबंधित रोचक तथ्य
- शून्य की समता: शून्य एक सम संख्या है, क्योंकि यह 2 से विभाज्य है।
- क्रमागत संख्याएँ: कोई भी दो क्रमागत संख्याएँ (जैसे 5 और 6) हमेशा एक सम और एक विषम होती हैं।
- प्राकृतिक संख्याएँ: सभी प्राकृतिक संख्याएँ (1, 2, 3, …) या तो सम होती हैं या विषम।
- नकारात्मक संख्याएँ: नकारात्मक संख्याएँ भी सम या विषम हो सकती हैं, जैसे -2 (सम) और -3 (विषम)।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. सम संख्या और विषम संख्या में क्या अंतर है?
सम संख्याएँ 2 से विभाज्य होती हैं, जबकि विषम संख्याएँ नहीं। उदाहरण: 4 (सम), 5 (विषम)।
2. क्या शून्य सम संख्या है?
हाँ, शून्य एक सम संख्या है, क्योंकि यह 2 से पूर्णतः विभाज्य है।
3. क्या नकारात्मक संख्याएँ सम या विषम हो सकती हैं?
हाँ, नकारात्मक संख्याएँ भी सम (जैसे -4) या विषम (जैसे -5) हो सकती हैं।
4. सम और विषम संख्याओं का उपयोग कहाँ होता है?
इनका उपयोग गणित, प्रोग्रामिंग, प्रतियोगी परीक्षाओं और दैनिक जीवन में होता है।
निष्कर्ष
सम और विषम संख्याएँ (Sam aur Visham Sankhya) गणित का एक आधारभूत हिस्सा हैं। इनकी परिभाषा और गुणों को समझना न केवल स्कूल की पढ़ाई के लिए बल्कि दैनिक जीवन और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी जरूरी है। इस लेख में हमने सम संख्या किसे कहते हैं, विषम संख्या किसे कहते हैं, और उनके गुणों को विस्तार से समझाया है। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
अगर आपके पास सम और विषम संख्याओं से संबंधित कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट में बताएँ। गणित को और आसान बनाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें!