रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? (Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai), 8 पौराणिक मान्यताएं

Rakshabandhan Kyon Manaya Jata Hai: रक्षा बंधन, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला, भारत का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भाई-बहनों के बीच प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लेती हैं और भाई बदले में उनकी रक्षा और सदा साथ देने का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन कब और कितने तारीख को है और शुभ मुहूर्त क्या हैं

रक्षा बंधन का त्यौहार कब है 19 अगस्त 2024
दिन सोमवार
राखी बांधने का शुभ मुहुर्त 19 अगस्त को दोपहर 03:04 से 19 अगस्त को रात्रि 11:55 बजे तक
कुल अवधि 9 घंटे

रक्षा बंधन मनाने के 8 पौराणिक कारण:

1. भगवान कृष्ण और द्रौपदी:

महाभारत में, जब दुःशासन ने द्रौपदी का चीरहरण करने का प्रयास किया, तब भगवान कृष्ण ने उनकी रक्षा के लिए अपनी सुदर्शन चक्र से उनकी साड़ी को लम्बा कर दिया था। कृतज्ञता में, द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा कृष्ण की उंगली पर बांध दिया था, जो रक्षा बंधन का प्रतीक बन गया।

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2. कुंती और अभिमन्यु:

महाभारत में, अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंस गए थे। उनकी मां, कुंती, उन्हें बचाने के लिए राखी नहीं बांध सकीं, लेकिन उन्होंने उन्हें एक धागा दिया, जिसे उन्होंने अपनी भुजा पर बांध लिया। यह धागा उन्हें कुछ समय तक सुरक्षा प्रदान करता रहा।

3. यमराज और यमुना:

यमुना, सूर्यदेव की पुत्री, अपने भाई यमराज, मृत्यु के देवता से डरती थीं। उन्होंने उनसे रक्षा के लिए राखी बांधी, और यमराज ने उन्हें वचन दिया कि वह कभी भी उनके जीवन पर खतरा नहीं डालेंगे।

4. इंद्र और शचि:

देवराज इंद्र को एक बार असुरों ने पराजित कर दिया था और उन्हें छिपकर रहना पड़ा था। तब उनकी पत्नी शचि ने उन्हें रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा की थी।

5. राजा बलि और देवराज इंद्र:

राजा बलि एक दयालु राजा थे, जिन्हें भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर छल से मार दिया था। इस घटना से दुखी होकर देवराज इंद्र ने रक्षा बंधन के दिन राजा बलि की पत्नी विंध्यवाली को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा का वचन दिया था।

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6. संत कबीर और राजा रामचंद्र:

कहा जाता है कि संत कबीर ने भगवान राम को रक्षा बंधन मनाया था और बदले में भगवान राम ने उन्हें उनकी रक्षा का वचन दिया था।

7. राखी का प्रतीकात्मक महत्व:

राखी का धागा भाई-बहन के बीच प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक है। राखी बांधने का अर्थ है कि बहन अपने भाई की रक्षा करेगी और भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा।

8. सामाजिक महत्व:

रक्षा बंधन केवल भाई-बहन के बीच ही नहीं, बल्कि गुरु-शिष्य, मित्र-मित्र और अन्य रिश्तों में भी मनाया जाता है। यह त्यौहार हमें सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को मजबूत करता है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि हमें हमेशा एक-दूसरे का साथ देना चाहिए और एक-दूसरे की रक्षा करनी चाहिए।

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