Karpur Gauram Karunavtaram Lyrics | कर्पूर गौरम करुणावतारं
कर्पूर गौरम करूणावतारम” एक स्तोत्र का प्रथम पद है, जिसे भगवान शिव को संबोधित किया जाता है। इसका पूरा पाठ इस प्रकार है:
कर्पूर गौरम करुणावतारम संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ॥
मंगलम भगवान् विष्णु स्तोत्र
मंगलम भगवान् विष्णु
मंगलम गरुड़ध्वजः |
मंगलम पुन्डरी काक्षो
मंगलायतनो परशु राम ||
यह मंत्र रोजाना सुबह या शाम को 108 बार जपने से लाभ मिलता है। मंत्र का जप करते समय मन को शांत रखना चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
यह मंत्र भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंत्र भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव
कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा
बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात
करोमि यध्य्त सकलं परस्मै
नारायणायेति समर्पयामि ||
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेव |
जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव
गोविन्द दामोदर माधवेती ||