kabir ke dohe in hindi- संत कबीर दास जी के प्रसिद्ध दोहे-Sant Kabir Das Ji Ke Dohe in Hindi

जब मैं कुछ बुरा देखने चला, तो मुझे कुछ बुरा नहीं हुआ। जो मन आपको देखा, वह मुझसे बुरा नहीं है। कबीरदास का जन्म १५वीं शताब्दी में सावंत १४५५ में राम तारा काशी में हुआ था। उनका गुरु संत आचार्य रामानंद था। कबीरदास की पत्नी को “लोई” कहा जाता था। हिंदी साहित्य में निर्गुण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि कबीर दास थे। उनका पुत्र कमाल और पुत्री कमाली था। कबीर दास का बोल साखी, संबंध और रमैनी में लिखा गया है। कबीर ईश्वर को मानते थे और धार्मिक कार्यों का विरोध करते थे। कबीर दास स्कूल में नहीं पढ़े थे, लेकिन भोजपुरी, हिंदी और अवधी में अच्छी पकड़ रखते थे। इस ब्लॉग में (kabir das ke dohe)कबीर की पूरी सूची पढ़ें।

कौन थे कबीर दास?

15वीं शताब्दी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत कबीर दास (1398-1518) थे। कबीर सागर, संत गरीब दास के सतगुरु ग्रंथ साहिब और सिख धर्म के ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में उनके छंद पाए जाते हैं, जो हिंदू धर्म के भक्ति आंदोलन को प्रभावित करते हैं।

साईं इतना दीजिए जा में कुटुम समाय।

See also  Guru Nanak Ke Dohe: गुरु नानक के दोहों का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व

मैं भी भूखा न रहूँ, साधू न भूखा जाए।

 

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।

बलिहारी गुरु आपनो, गोविन्द दियो बताय।

 

काहे रे बन के बिहारी, बिना धन के सो जाए।

मन चंगा तो कठौती में, क्यों डरैं चंगा खाए।

 

Read more: Rahimdas ke dohe

कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर।

ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर।

 

माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोय।

इक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूँगा तोय।

 

ज्ञानी होवे नर मुआ, मूआ नर कहावाँ।

अविद्या ज्ञान से मूआ, जागा रहे कहाँ।

 

माया मुरख जगत का संग, राम नाम रथी चला।

मन बुद्धि छान्द बढ़ाए, दुर्बल बालक गरला।

 

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।

जो मन खोजा अपना, तो मुझसे बुरा न कोय।

 

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।

जो सुख में सुमिरन करे, दुःख काहे को होय।

See also  तुलसीदास के 10 दोहे With Meaning | Best Tulsidas Ke Dohe

 

काम चोर दुनिया छोड़, बैठ अकेला रोय।

राती चला भटकता, दिन में आया कोय।

 

बहुत दिन तक बन्दी बानी थी बाजी न जाय।

एक दिन काबीर बाजी बनाया, सभी हंसते हंसते जाय।

 

छिप छिप रह कर, राजा नहीं जाए।

छिप कर देख लेना, राजा वहीं जाए।

 

दुनिया तारीख देखेंगी, छप्पर फाड़ कर।

काबीरा तेरे गर्भ में, मुछ कलप जलेंगे।

 

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।

 

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।

सुख में सुमिरन करे, दुःख काहे को होय।

 

बिगरी बात बने नहीं, न बने बिगरी जाय।

कहै कबीर जी, बिगरी कहे न कोय।

 

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।

बलिहारी गुरु आपनो, गोविन्द दियो बताय।

Leave a Comment

Yessma Web Series List, Release Date, Actress How to make ghibli studio style photo for free ttecr-फ्री में Ghibli इमेज कैसे बनाएं? Grok पर ये है प्रोसेस Studio Ghibli Art Style की 5 विशेषताएँ