बसंत पंचमी (Basant Panchami) एक हिंदू त्यौहार हे जो हिंदू कैलेंडर के माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता हे। ये त्यौहार वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक हे, जो प्यार, ख़ुशी और नई शुरुआत का समय हे। 2024 में, बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनई जाएगी।
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह दिन सरस्वती, विद्या और संगीत की देवी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन, लोग विद्या की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान और बुद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
बसंत पंचमी एक रंगीन और उत्साहपूर्ण त्यौहार है। लोग अपने घरों को फूलों और रंगों से सजाते हैं। वे एक दूसरे को गुलाल और पिचकारी से रंगते हैं। बच्चे पतंग उड़ाने और खेल खेलने का आनंद लेते हैं।
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बसंत पंचमी का त्योहार शुद्ध भारत में मनाया जाता है, लेकिन यह उत्तर भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय है। कुछ प्रमुख स्थान जहां बसंत पंचमी का त्योहार बड़ा धूमधाम से मनाया जाता है, उन्हें शामिल हैं:
वाराणसी: वाराणसी में, बसंत पंचमी का त्योहार गंगा नदी के किनारे मनाया जाता है। लोग नदी में स्नान करते हैं और सरस्वती देवी की पूजा करते हैं।
प्रयागराज: प्रयागराज में, बसंत पंचमी का त्यौहार संगम के किनारे मनाया जाता है। लोग संगम में स्नान करते हैं और सरस्वती देवी की पूजा करते हैं।
मथुरा: मथुरा में, बसंत पंचमी का त्यौहार प्रेम मंदिर में मनाया जाता है। लोग मंदिर में सरस्वती देवी की पूजा करते हैं और धार्मिक गीत गाते हैं।
बसंत पंचमी पर कविता | Poem on Basant Panchami in Hindi
आओ मिलकर मनाएं,
बसंत पंचमी का त्यौहार,
ज्ञान की देवी सरस्वती का,
आज है जन्म दिवस अपार।
पीले रंग की छटा है चारों ओर,
खुशियों की बहार है चारों ओर,
मंदिरों में गूंज रही है आरती,
भक्ति का है उमंग चारों ओर।
बच्चे स्कूलों में जाकर,
सरस्वती मां की पूजा करते हैं,
ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद,
माँ से प्रार्थना करते हैं।
Basant Panchami Poem in Hindi
होली का भी है त्यौहार नजदीक,
रंगों की तैयारी हो रही है,
बसंत पंचमी का त्यौहार,
खुशियों की सौगात ला रहा है।
आओ मिलकर मनाएं,
बसंत पंचमी का त्यौहार,
ज्ञान की देवी सरस्वती का,
आज है जन्म दिवस अपार।
Poem on Basant Ritu in Hindi | Basant Ritu Par Kavita
हवा में बहती खुशबू, पतझड़ का अब अंत,
आया है रंगों का मौसम, बसंत ऋतु का संत.
किरणें सोने सी चमकें, धरती हरी-भरी होवे,
पेड़ों पर कोंपल फूटें, फूलों की महक खिलौवे.
आम की डालों में झूमे, कोयल मीठी तान गाए,
पपीहे की आवाज सुनकर, मन पुलकित हो जाए.
मैदानों में सरसों खिले, पीले सुनहरे सोने से,
रंग-बिरंगे तितलियां उड़ें, आनंद भरें मन में.
होली का गुलाल उड़े हवा में, ढोलक की मस्ती छाए,
नृत्य करें सब मिलकर, खुशियां चारों ओर लाए.
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बसंत ही है ऋतु प्यारी, नवजीवन का ये त्योहार,
प्रकृति सजके नव वसन में, करे सबका स्वागत सप्रीत.
तो आओ मिलकर मनाएं, बसंत ऋतु का ये सुहाना पर्व,
खुशियों से भरें जीवन को, गीत गाएं प्रेम का मधुर.
मुबारक हो आपको बसंत पंचमी का ये पावन दिन,
रंगों से सराब हो जीवन, खुशियों से रहे आप सदैव सपन्न.
Saraswati Mata ki Vandana | Saraswati Vandana
ओम जयंती, वीणा वादिनी, वीणा पुस्तक धारिणी,
हंसवाहिनी, विद्या दान करिनी,
नमामि त्वां मातरं, सरस्वति देवि,
विद्या रूपे विशाल भाग्या बिद्या बुद्धि प्रदे॥
ब्रह्मचारिणी, वरदे, सर्वज्ञे, ज्ञानरूपिणि,
क्षीरसागर वासिनि, श्रीमहालक्ष्मि, सरस्वति॥
सरस्वति नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणि,
विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा॥
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