तुलसीदास के 10 दोहे With Meaning | Best Tulsidas Ke Dohe

Tulsidas ke 10 dohe

गोस्वामी तुलसीदास का परिचय | Tulsidas ka Jiwan Parichay हिंदू समाज में बहुत प्रसिद्ध संत, लेखक और कवि थे, संत तुलसीदास, जिन्हें स्वानी तुंसीदास के नाम से भी जाना जाता है। बहुत सी किताबें लिखीं जो सनातन धर्म और भारतीय विचारधारा को व्यक्त करती हैं। उन्हें हनुमान चालीसा के लेखक भी कहा जाता है, जो … Read more

Best Surdas Ke Dohe – Surdas Ji Ke Dohe Arth Sahit

surdas ke dohe

जीवन परिचय सूरदास जी हिन्दी के भक्तिकाल के महान कवि थे। जन्म और स्थान : 1478 ईसवी मे ,रुनकता गांव, आगरा मथुरा मार्ग स्थित,उत्तरप्रदेश ,भारत । पिता : पंडित रामदास ( गायक ) गुरु : श्रीबल्लभाचार्य जी । रचनायें : सूरसागर ,सूरसरावली ,साहित्यलहरी ,नल-दमयन्ती ,ब्याहलो । मृत्यु : 1583 गोवर्धन के निकट पारसौली ग्राम सूरदास … Read more

Rahim Das ke Dohe : रहीमदास के 8 लोकप्रिय दोहे जो आज भी जिंदगी की वास्तविकता को करते हैं प्रकट

“रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय, टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय।” इस ब्लॉग में आप Rahim Ke Dohe पढ़ेंगे। आपको बता दें कि 17 दिसंबर 1556 ईस्वी में लाहौर में अब्दुल रहीम खानखाना का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम बैरम खां था, और माता का नाम जमाल खान … Read more

kabir ke dohe in hindi- संत कबीर दास जी के प्रसिद्ध दोहे-Sant Kabir Das Ji Ke Dohe in Hindi

जब मैं कुछ बुरा देखने चला, तो मुझे कुछ बुरा नहीं हुआ। जो मन आपको देखा, वह मुझसे बुरा नहीं है। कबीरदास का जन्म १५वीं शताब्दी में सावंत १४५५ में राम तारा काशी में हुआ था। उनका गुरु संत आचार्य रामानंद था। कबीरदास की पत्नी को “लोई” कहा जाता था। हिंदी साहित्य में निर्गुण भक्ति … Read more