चंद्र ग्रहण 2025: तिथि, समय, वैज्ञानिक व्याख्या और मिथक बनाम तथ्य

चंद्र ग्रहण एक आकर्षक खगोलीय घटना है जो हर साल लाखों लोगों का ध्यान खींचती है। 2025 में दो पूर्ण चंद्र ग्रहण होने वाले हैं, जिनमें से एक भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इस लेख में हम 2025 के चंद्र ग्रहणों की विस्तृत जानकारी देंगे, जिसमें तिथियां, समय, दृश्यता, वैज्ञानिक कारण और इससे जुड़े मिथक शामिल हैं। यह जानकारी आपको इस घटना को बेहतर ढंग से समझने और आनंद लेने में मदद करेगी।

2025 में चंद्र ग्रहण की तिथियां और प्रकार

2025 में दो पूर्ण चंद्र ग्रहण होंगे, जो खगोल प्रेमियों के लिए विशेष महत्व रखते हैं:

  • मार्च 2025 चंद्र ग्रहण: 13-14 मार्च को होने वाला यह पूर्ण चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से पश्चिमी गोलार्ध (अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका) में दिखाई देगा। भारत में इसकी दृश्यता सीमित होगी, क्योंकि यह सुबह के समय होगा और चंद्रमा अस्त होने से पहले पूर्णता तक नहीं पहुंचेगा।
  • सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण: 7-8 सितंबर को होने वाला यह दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप और अफ्रीका में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। यह ‘ब्लड मून’ के रूप में जाना जाएगा, जहां चंद्रमा लाल रंग का दिखेगा।

ये दोनों ग्रहण पूर्ण प्रकार के हैं, जहां चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा।

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सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण का समय और भारत में दृश्यता

सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण भारत में रात के समय होगा, जिससे इसे देखना आसान रहेगा। यहां समय की विस्तृत जानकारी दी गई है (सभी समय भारतीय मानक समय – IST के अनुसार):

  • पेनुमब्रल ग्रहण शुरू: 7 सितंबर, रात 8:58 बजे
  • आंशिक ग्रहण शुरू: 7 सितंबर, रात 9:58 बजे
  • पूर्ण ग्रहण शुरू (टोटैलिटी): 7 सितंबर, रात 11:00 बजे
  • अधिकतम ग्रहण: 7-8 सितंबर, रात 11:42 बजे से 12:22 बजे तक
  • पूर्ण ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 12:22 बजे
  • आंशिक ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 1:26 बजे
  • पेनुमब्रल ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 2:25 बजे

कुल अवधि लगभग 3 घंटे 28 मिनट होगी। यह ग्रहण दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और अन्य प्रमुख शहरों में दिखाई देगा। मौसम साफ होने पर नंगी आंखों से इसे देखा जा सकता है।

चंद्र ग्रहण क्या है? वैज्ञानिक व्याख्या

चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा लगभग एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह घटना पूर्णिमा के दिन ही संभव है। वैज्ञानिक रूप से, इसे तीन चरणों में समझा जाता है:

  • पेनुमब्रल चरण: चंद्रमा पृथ्वी की हल्की छाया (पेनुम्ब्रा) में प्रवेश करता है, जिससे चंद्रमा थोड़ा धुंधला दिखता है।
  • आंशिक चरण: चंद्रमा गहरी छाया (अम्ब्रा) में आता है, और इसका कुछ हिस्सा काला हो जाता है।
  • पूर्ण चरण: पूरा चंद्रमा अम्ब्रा में होता है, और पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरने वाली सूर्य की किरणों के कारण यह लाल दिखता है (रेली स्कैटरिंग के कारण नीली रोशनी छन जाती है)।
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यह एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की परिक्रमा और छाया के सिद्धांत पर आधारित है। इसमें कोई अलौकिक शक्ति नहीं होती।

चंद्र ग्रहण से जुड़े मिथक और तथ्य

हिंदू संस्कृति में चंद्र ग्रहण से कई मान्यताएं जुड़ी हैं, लेकिन विज्ञान इनमें से अधिकांश को निराधार मानता है। यहां कुछ प्रमुख मिथक और उनके वैज्ञानिक तथ्य दिए गए हैं:

मिथक 1: गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, वरना बच्चे पर बुरा असर पड़ता है

तथ्य: कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ग्रहण देखने से बच्चे को जन्म दोष या विकलांगता होती है। बच्चे का विकास डीएनए और गर्भावस्था की देखभाल पर निर्भर करता है।

मिथक 2: ग्रहण के दौरान खाना बनाना या खाना खाना जहर फैलाता है

तथ्य: ग्रहण का भोजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। पुराने समय में रेफ्रिजरेशन न होने के कारण भोजन खराब होने की आशंका से यह मान्यता बनी, लेकिन आज यह बेकार है।

मिथक 3: ग्रहण देखने से आंखों को नुकसान होता है

तथ्य: चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि यह सूर्य ग्रहण की तरह नहीं जहां सीधी रोशनी आंखें जला सकती है।

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मिथक 4: ग्रहण के समय प्राकृतिक आपदाएं आती हैं

तथ्य: ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका भूकंप या बाढ़ से कोई संबंध नहीं। यह सिर्फ संयोग हो सकता है।

मिथक 5: सूतक काल में पूजा या काम नहीं करना चाहिए

तथ्य: सूतक काल धार्मिक मान्यता है, जो ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू होता है। विज्ञान इसमें कोई हानि नहीं देखता, लेकिन अगर आप धार्मिक हैं तो इसका पालन कर सकते हैं।

चंद्र ग्रहण देखने के टिप्स और सावधानियां

चंद्र ग्रहण देखना एक मजेदार अनुभव हो सकता है। यहां कुछ टिप्स:

  • अंधेरी जगह चुनें जहां शहर की रोशनी कम हो।
  • दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग करें बेहतर दृश्य के लिए।
  • मौसम की जांच करें और परिवार के साथ देखें।
  • गर्भवती महिलाएं बिना डर के देख सकती हैं, लेकिन आराम से रहें।

चंद्र ग्रहण प्रकृति की खूबसूरती का प्रतीक है। मिथकों से ऊपर उठकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं और इस घटना का आनंद लें। यदि आपके कोई सवाल हैं, तो कमेंट में पूछें!

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